The 5-Second Trick For hindi kahani
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ऐसा कभी नहीं हुआ था... धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को कर्म और सिफ़ारिश के आधार पर स्वर्ग या नर्क में निवास-स्थान 'अलॉट' करते आ रहे थे। पर ऐसा कभी नहीं हुआ था। सामने बैठे चित्रगुप्त बार-बार चश्मा पोंछ, बार-बार थूक से पन्ने पलट, रजिस्टर पर हरिशंकर परसाई
उन मछलियों में से एक मछली दोस्त आलसी थी।
नैतिक शिक्षा – सदैव सत्य बोलना चाहिए और सत्य का साथ देना चाहिए। व्यक्ति का स्वभाव ही उस व्यक्ति का परिचय है।
अब उस व्यक्ति के पास दो गांव हैं और पचास से अधिक बकरियां भी।
मोती से सामान छीनने लगे। गाय ने मोती को संकट में देख उसको बचाने के लिए दौड़ी।
बिहार की वो सीट, जहाँ जेडीयू के दिग्गज नेता के सामने हैं एक 'बाहुबली' की बीवी
के दूसरे बेटे ने इससे भी आगे सोचा। वह इस नतीजे पर पहुंचा कि शहर में सबसे सस्ता तो
उन्होंने सोचा कि अब मैं दूसरे लोगों को क्या बताऊंगा कि मेरा बेटा एक भी विषय में पास नहीं हो पाया। इस प्रकार माँ-पिताजी को श्याम ने बहुत चिंतित वह दुखी देखा जिस पर उसे भी दुख हुआ। श्याम ने अपने मां-बाप को भरोसा दिलाया कि मैं अगली परीक्षा में सफल होकर दिखायेगा।
सबेरे का वक़्त है। गंगा-स्नान के प्रेमी अकेले और दुकेले चार-चार छ-छ के गुच्छों में गंगा-तट से लौटकर दशाश्वमेध के तरकारीवालों और मेवाफ़रोशों से उलझ रहे हैं, मोल-तोल कर रहे हैं। दूकानें सब दुलहिनों की तरह सजी-बजी खड़ी हैं। कहीं चायवाला चाय के शौक़ीनों अमृत राय
जब तक समाज में अमीरी और ग़रीबी यानी वैभव और वंचना की खाई रहेगी, 'कफ़न' किसी क्लासिक की तरह कालजयी रहेगी.
और आश्वासन देते हैं कि आपको राज दरबार में यह पत्ता दिखाने पर दो गांव मिल जाएगा। वह व्यक्ति अपने घर गया और उसने उस पत्ते को एक जगह टांग दिया। उस व्यक्ति के यहां तीन बकरियां थी जिन्होंने उस पत्ते को चर लिया अर्थात खा गए। जब उस व्यक्ति को मालूम हुआ कि वह पत्ता बकरी खा गई, उसकी समझ में कुछ नहीं आया।
राम अपने भाई श्याम को उन दोस्तों से बचने के लिए कहा करता, मगर श्याम उसे डांट लगा देता और कहता अपने काम से काम रखा करो। श्याम के दोस्त घर से स्कूल जाने के लिए निकलते और रास्ते में कहीं और चले जाते।
श्याम ने अपने उन सब दोस्तों को छोड़ दिया जिन्होंने उसकी सफलता में उसका मार्ग रोका था।
गोलू के घर में एक शरारती चूहा आ गया। वह बहुत छोटा सा था मगर सारे घर में भागा चलता था। उसने गोलू की किताब भी कुतर डाली थी। कुछ कपड़े भी कुतर दिए थे। गोलू की मम्मी जो खाना बनाती और बिना ढके रख देती , वह चूहा उसे भी चट कर जाता था। चूहा खा – पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन गोलू की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ गयी। चूहा कई तरकीब लगाकर थक गया था, उसने शरबत पीना था।